41 workers won the battle of life with desire and stubbornness

Editorial:लालसा और जिद से जीत गए 41 कर्मवीर जिंदगी की जंग

Edit3

41 workers won the battle of life with desire and stubbornness

जिंदगी जीने की लालसा जहां टनल के अंदर फंसे 41 लोगों की थी, वहीं उन्हें बचाने की जिद टनल के बाहर जमा उस पूरे अमले की थी, जिसने 17 दिनों तक न सुबह देखी, न दोपहर और न ही रात। दरअसल, अगर यह लालसा और जिद न होती तो आज उत्तराखंड की उस टनल से सभी 41 कर्मवीरों को सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जा सकता था। देश में इससे पहले भी ऐसे बचाव ऑपरेशन संचालित हुए हैं, लेकिन सिलक्यारा में चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना की इस निर्माणाधीन टनल में 399 घंटे के बाद जिस प्रकार से कामयाबी हासिल हुई, वह न केवल इस कार्य में लगी एजेंसियों के लिए अपितु केंद्र एवं राज्य सरकार के लिए भी एक उदाहरण है।

इस ऑपरेशन के दौरान इस बात की बखूबी परख हुई है कि टनल बनाने का काम बच्चों का खेल नहीं है और न ही इसे किसी की जान की कीमत पर तैयार किया जाना चाहिए। विकास को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी टनल की जरूरत भविष्य में भी होंगी, मेट्रो जैसी रेल परियोजनाओं के लिए भी जमीन के अंदर ऐसी टनल बनाई जा रही हैं, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि टनल में सुरक्षा के सभी मापदंड पूरे किए जाएं और मुसीबत के वक्त सुरक्षित बचाव का वैकल्पिक जरिया भी उपलब्ध हो।

इस बचाव ऑपरेशन पर पूरे देश की नजर थी। दिवाली की रात जब घरों में दीप जलाए जा रहे थे, तब टनल के अंदर ये 41 कर्मवीर अपने भविष्य के अंधकार से साक्षात्कार कर रहे थे। उनके सामने मौत थी और उसका अंधियारा, लगातार उन्हें डरा रहा था। सोचिए 17 दिनों तक जो सूरज की रोशनी न देख सके, एक दिशाहीन गुफा में बंद हो और पल प्रतिपल जिस पर संकट गहरा रहा हो, उसके बाद भी अगर उसमें जीवित रहने का हौसला और उस मुसीबत को हराने का साहस हो तो वह निश्चित रूप से सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत होगा ही।

टनल से बाहर निकाले गए सभी कर्मवीरों के चेहरे बता रहे थे कि उन्होंने अभावों में पलकर जो हिम्मत अपने लिए जुटाई है, वह अब उनके काम आ गई। सुविधापूर्ण जीवन जल्द थका देता है और इंसान अपने आसपास ऐसे माहौल को पाकर दूसरों पर निर्भर हो जाता है। लेकिन मामूली मेहनताने पर काम करने वाले ये कर्मवीर अपने परिवार का सहारा हैं, उन्हें कुछ हो जाता तो परिवार का क्या होता। उनके मन में यह बात बखूबी रही होगी, जिसने उनकी हिम्मत को नहीं टूटने दिया। कहा जाता है कि दुआओं में बहुत ताकत होती है और देश के 140 करोड़ लोगों की दुआओं ने भी अपना रंग दिखाया है।

इस पूरे ऑपरेशन के दौरान उत्तराखंड सरकार ने जिस प्रकार से अपनी एडिय़ों पर खड़े होकर काम किया है, वह एक श्रेष्ठ सरकार का उदाहरण कायम करता है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में रात-दिन काम किया लेकिन उससे भी बढक़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार पीएमओ को इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए झौंक दिया, वह उनकी देश के प्रतिबद्धता का परिचायक है। यह चुनावी समय है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस कार्य के लिए अपने आप को सदैव तैयार रखा और आपदा के समाधान के लिए अपने सबसे करीब उच्चाधिकारियों को मौके पर भेजा। यह परियोजना केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से जुड़ी होने के कारण केंद्र सरकार के लिए साख का सवाल थी, इसी वजह से केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी मौके पर पहुंचे वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह ने तो यहीं डेरा डाल लिया। वे अभियान की समाप्ति तक यहीं रहे और फिर मौत को हरा कर टनल से बाहर निकले कर्मवीरों का स्वागत किया।

इस अभियान के दौरान अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं। स्थिति तब बिगड़ती नजर आई थी, जब मशीन उपकरण विफल हो रहे थे और बाहर बैठे श्रमिकों के परिजनों और देश के लोगों में गुस्सा बढ़ रहा था, सभी किए जा रहे उपायों को नाकाफी बता रहे थे और कर्मवीरों की जान न बचा पाने का केंद्र एवं राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे थे। हालांकि ऐसे समय में ही सर्वाधिक धैर्य की जरूरत होती है और मुख्यमंत्री धामी एवं अन्य केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों ने परिजनों को आश्वस्त किया वहीं अंदर फंसे कर्मवीरों से जब बात हुई तो देश आश्वस्त हो गया कि अब उन्हें बचा लिया जाएगा।

वास्तव में इस जीत के लिए ईश्वर का भी धन्यवाद ज्ञापित किया जाना चाहिए। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले ईश्वर का पूजन किया जाता है, बचाव दल ने टनल के पास बौखनाग देवता का मंदिर स्थापित करके उसकी अर्चना की। इस सफल ऑपरेशन ने जता दिया है कि देश अब हर विषम परिस्थिति से लोहा लेने को सक्षम है, उसके इरादे मौत को भी हरा सकते हैं। हालांकि हमें बचाव संबंधी उपायों को और प्रभावी बनाना होगा।  

यह भी पढ़ें:

Editorial: तीर्थ स्थलों की यात्रा शुरू करना मान सरकार का श्रेष्ठ कदम

Editorial: वोकल फॉर लोकल से ही देश की अर्थव्यवस्था बनेगी मजबूत